इन 10 बिंदुओं में जानें बंगाल चुनाव का हाल

इन 10 बिंदुओं में जानें बंगाल चुनाव का हाल

कोलकाता
पश्चिम बंगाल सत्ता के लिए खेला एक बार फिर तैयार है। यहां विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल के छह जिलों की 45 सीटों पर आज मतदान होगा। इन सीटों पर 39 महिलाओं समेत 319 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतदाता शनिवार को करेंगे।

मुख्य मुद्दों की बात करें तो गोरखालैंड आंदोलन, चाय बगान मजदूरों पर अत्याचार, विकास कार्यों का अभाव इस चुनाव में उत्तर बंगाल के प्रमुख विषय हैं। वहीं उत्तर बंगाल की तुलना में दक्षिण बंगाल में थोड़ा विकास तो हुआ है। लेकिन रोजगार के अवसरों की कमी सत्ताधारी दल को परेशान कर सकता है।

इन 10 बिंदुओं में जानें बंगाल चुनाव का हाल
पांचवें चरण में राज्य में जलपाईगुड़ी, कलिम्पोंग दार्जिलिंग, नदिया, उत्तर 24 परगना और पुर्बा बर्धमान जिलों की 45 सीटों पर मतदान होगा। पांचवें चरण की इन सीटों पर एक स्पष्ट विभाजन है। यहां उत्तर बंगाल की 13 सीटें भाजपा का मजबूत गढ़ मानी जाती हैं। वहीं इसके विपरीत दक्षिण बंगाल में तृणमूल की स्थिति बेहतर है। हालांकि दक्षिण बंगाल से अपना दबदबा खो चुका वामदल भी यहां कुछ सीटों पर आश्चर्यचकित कर सकता है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में एक करोड़ से अधिक लोग अपने मतदान अधिकार का उपयोग करेंगे। मतदाता 45 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान करेंगे और इस चरण में 319 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
45 निर्वाचन क्षेत्रों के 15,789 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा। इनमें से 16 सीटें उत्तर 24 परगना, आठ प्रत्येक पुरबा बर्धमान और नादिया, सात जलपाईगुड़ी में और पांच दार्जिलिंग में साथ ही एक कालिम्पोंग जिले में है।
बंगाल के इस चुनावी चरण में 45 में से 17 अनुसूचित जाति (एससी) और तीन सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं।
पश्चिम बंगाल के लिए यह चरण सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है। पिछली बार इसने 45 में से 32 सीटें जीती थीं जहाँ शनिवार को मतदान होगा। हालांकि, इस बार, उसे भाजपा से एक कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
45 सीटों पर जहां आज (शनिवार) को मतदान होगा: धुपगुड़ी (एससी), मयनागुड़ी (एससी), जलपाईगुड़ी (एससी), राजगंज (एससी), अबग्राम-फुलबाड़ी, मल (एसटी), नागराकाटा (एसटी), कालिम्पोंग, दार्जिलिंग, कर्सियांग, मतिगारा-नक्सलबाड़ी (एससी), सिलीगुड़ी, फानसीदेवा (एसटी), शांतिपुर, राणाघाट उत्तर पशिम, कृष्णगंज (एससी), राणाघाट उत्तर पूर्ब (एससी), राणाघाट दक्षिण (एससी), चकदाहा, कल्याणी (एससी, हरन) (एससी), पनिहाटी, कमारहाटी, बारानगर, दम दम, राजारहाट न्यू टाउन, बिधाननगर, राजारहाट गोपालपुर, मध्यग्राम, बारासात, देगंगा, हरो, मिनखान (एससी), संदेशखली (एसटी), बशीरहाट दक्षिण, बसीरहाट उत्तर, हिंगलगंज (एससी)। , खंडघोष (एससी), बर्धमान दक्षिण, रैना (एससी), जमालपुर (एससी), मोंटेश्वर, कलना (एससी), मेमारी और बर्धमान उत्तर (एससी)
पिछले चुनाव में हुई हिंसा को ध्यान में रखते हुए। चुनाव आयोग ने इन निर्वाचन क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों को बढ़ाया गया है, पिछले साल हुई हिंसा में पांच लोग मारे गए थे और कूच बिहार जिले में सात घायल हुए थे।
चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय बलों की 853 कंपनियों को तैनात करने का निर्णय लिया है। वहीं हिंसा के मद्देनजर और कोविड को देखते हुए चुनाव आयोग ने प्रचार की अवधि को कम कर दिया है।
भाजपा तोलाबाजी (जबरन वसूली), कटमनी और सिंडिकेट राज का आरोप लगाकर टीएमसी पर निशाना साध रही है। वहीं सत्ताधारी दल के खिलाफ सत्ता विरोध लहर को भी महसूस किया जा सकता है। हालांकि, ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी अपनी कल्याणकारी योजनाओं जैसे दुआरे सरकार, स्वस्थो साथी और कन्याश्री के जरिए लोगों को लुभा रही है।
कमरहटी विधानसभा सीट पर टीएमसी के दिग्गज मदन मित्रा का भाजपा के अनिंदया राजू बनर्जी से मुकाबला है। इस सीट पर लेफ्ट ने सयनदीप मित्रा को प्रत्याशी बनाया है। वहीं दमदम सीट पर टीएमसी ने राज्य सरकार में मंत्री ब्रत्य बसु तो भाजपा ने बिमल शंकर नंदा और वाममोर्चा ने पलाश दास को प्रत्याशी बनाया है। बिधाननगर सीट पर टीएमसी ने सुजीत बोस तो भाजपा ने सब्यसाची दत्ता को उम्मीदवार बनाया है। जबकि राजारहाट-गोपालपुर सीट पर टीएमसी की अदिति मुंशी का मुकाबला भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य से है। इसी तरह सिलीगुड़ी सीट से भाजपा ने शंकर घोष, टीएमसी ने प्रो.ओम प्रकाश मिश्रा पर दांव खेला हैं। वहीं दार्जिलिंग से भाजपा ने नीरज जिंबा, जीजेएम (गुरुंग) ने पेंबा शेरिंग और वाम मोर्चा ने गौतम राज राय को चुनावी मैदान में उतारा है।

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